Sunday, December 1, 2013

चन्दन है इस देश की माटी (Chandan hai iss Desh ki maati)



चन्दन है इस देश की माटी

चंदन है इस देश की माटी, तपोभूमि हर ग्राम है |
हर बाला देवी की प्रतिमा, बच्चा-बच्चा राम है ||
हर शरिर मंदिर सा पावन ,
हर मानव उपकारी है,
जहां सिहं बन गये खिलौने,
गाय जहा माँ प्यारी है |
जहाँ सबेरा शंख बजाता, लोरी गाती शाम है ||१||

जहाँ कर्म से भाग्य बदलते
श्रमनिष्ठा कल्याणी है,
त्याग और तप की गाथाए,
गाती कवी की वाणी है
ज्ञान जहाँका गंगाजल सा, निर्मल है अविराम है ||२||

जिसके सैनिक समरभूमि में
गाया करते गीता हैं
जहाँ खेत में हल के निचे
खेला करती सीता है |
जीवन का आदर्श जहाँ पर, परमेश्वर का धाम है ||३||

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